मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक शुक्रवार को बैंक की शाखाओं के बाहर लंबी कतारों में नजर आए। इसका कारण था भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बैंक पर सख्त प्रतिबंध लगाना। RBI ने बैंक के खिलाफ यह कदम कुछ प्रशासनिक चिंताओं के चलते उठाया और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीनों के लिए निलंबित कर दिया। इसके पीछे कारण बताया गया कि बैंक का प्रबंधन खराब गवर्नेंस के चलते ठीक से काम नहीं कर रहा था।
बैंक की कमान अब प्रशासक के हाथ में
RBI ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया है, जो अब बैंक का संचालन संभालेंगे। उनके साथ एक सलाहकार समिति भी गठित की गई है, जो बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगी।
महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों पर एक और बड़ा झटका
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में किसी सहकारी बैंक पर इतनी कड़ी कार्रवाई हुई हो। इससे पहले पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले के बाद ऐसा सख्त कदम उठाया गया था।
RBI के प्रतिबंध – बैंक की वित्तीय गतिविधियों पर रोक
RBI ने बैंक पर कई महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बैंक अब नए लोन और एडवांस जारी नहीं कर सकता।
- कोई भी नया निवेश नहीं कर सकता।
- बैंक को नए फंड उधार लेने या नई डिपॉजिट स्वीकार करने पर रोक लगा दी गई है।
- किसी भी प्रकार की भुगतान प्रक्रिया को RBI की अनुमति के बिना लागू नहीं किया जा सकता।
ये प्रतिबंध 13 फरवरी 2025 के कारोबारी दिन के अंत से लागू हो चुके हैं और अगले छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे।
बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति
- न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की 30 शाखाएं हैं।
- बैंक के पास मार्च 2024 तक कुल ₹2,436 करोड़ की डिपॉजिट थी।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंक को ₹22.78 करोड़ का घाटा हुआ।
- वर्ष 2022-23 में यह घाटा ₹30.74 करोड़ था।
डिपॉजिट इंश्योरेंस: ग्राहकों को क्या मिलेगा?
RBI के अनुसार, बैंक के ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत ₹5 लाख तक का बीमा कवर मिलेगा। यह DICGC अधिनियम, 1961 के तहत लागू होगा।
- यानी, अगर किसी ग्राहक का ₹10 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बैंक में जमा है, तो उसे सिर्फ ₹5 लाख ही मिल पाएंगे।
- यह धनराशि डिपॉजिटर द्वारा दावा करने और आवश्यक जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद जारी की जाएगी।
ग्राहकों की चिंता और अनिश्चितता
बैंक पर लगी पाबंदियों के बाद, ग्राहकों के बीच अपने जमा धन को लेकर घबराहट देखी जा रही है। बैंक के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं, और लोग अपनी जमा राशि की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। RBI के इस फैसले के बाद अब यह देखना होगा कि आने वाले महीनों में बैंक की वित्तीय स्थिति कितनी सुधरती है और ग्राहक अपनी बचत को वापस पाने में कितने सफल होते हैं।

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