वाशिंगटन/कीव: हाल ही में हुई Trump-Zelensky Meeting के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। इस बैठक के दौरान, अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण बातचीत हुई। बैठक के बाद, यूरोपीय देशों और कनाडा ने ज़ेलेंस्की के पक्ष में समर्थन जताया, जिससे वैश्विक स्तर पर यह मुद्दा और गर्मा गया।
Trump-Zelensky Meeting में क्या हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के दौरान ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी पुरानी स्थिति दोहराई और ज़ेलेंस्की से स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि वह दोबारा राष्ट्रपति बने तो वह रूस-यूक्रेन संघर्ष को जल्दी समाप्त कर देंगे। हालांकि, ज़ेलेंस्की ने ट्रंप की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन की संप्रभुता को बरकरार रखना ज़रूरी है।
ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से बातचीत में जोर देकर कहा कि यूक्रेन को अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए और यूरोपीय देशों को भी इस संघर्ष में अधिक योगदान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह सत्ता में लौटते हैं, तो यूक्रेन को वित्तीय सहायता देने की शर्तें कड़ी हो सकती हैं।
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप को जवाब देते हुए कहा कि यह युद्ध केवल यूक्रेन का नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक विश्व का मुद्दा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि रूस को नहीं रोका गया, तो वह अन्य देशों की संप्रभुता को भी चुनौती दे सकता है। ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि यूक्रेन को न केवल अमेरिका बल्कि पूरे नाटो गठबंधन का समर्थन चाहिए।
यूरोपीय सहयोगियों और कनाडा की प्रतिक्रिया
Trump-Zelensky Meeting के बाद यूरोपीय नेताओं और कनाडा ने ज़ेलेंस्की के समर्थन में बयान जारी किए। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने कहा कि वे यूक्रेन की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी ज़ेलेंस्की का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यूक्रेन को सहायता मिलती रहनी चाहिए।
क्या होगा आगे?
इस बैठक के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल तेज़ हो गई है। अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए यह साफ है कि अगर ट्रंप वापस सत्ता में आते हैं, तो यूक्रेन को मिलने वाली सहायता पर असर पड़ सकता है। वहीं, ज़ेलेंस्की को अब अपने यूरोपीय सहयोगियों पर अधिक भरोसा करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
Trump-Zelensky Meeting के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका और यूक्रेन के संबंध आने वाले समय में और जटिल हो सकते हैं। जबकि ज़ेलेंस्की को यूरोपीय देशों और कनाडा का समर्थन मिल रहा है, ट्रंप की संभावित वापसी से यूक्रेन को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

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