मशहूर अरबपति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की क्रिप्टोकरेंसी DOGE (Dogecoin) द्वारा भारत में मतदाता मतदान बढ़ाने के लिए दी जाने वाली $21 मिलियन (लगभग 175 करोड़ रुपये) की फंडिंग को अचानक रद्द कर दिया गया है। इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिससे राजनीतिक और तकनीकी जगत में हलचल मच गई है।
लेकिन DOGE (डॉजकॉइन) क्या है? एलन मस्क भारत में क्यों निवेश कर रहे हैं? और इस पूरे मामले की असली सच्चाई क्या है? आइए विस्तार से समझते हैं।
DOGE (Dogecoin) क्या है?
डॉजकॉइन (DOGE) एक क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्रा) है, जिसे 2013 में मजाक के तौर पर लॉन्च किया गया था। लेकिन समय के साथ यह एक बड़ी डिजिटल करेंसी बन गई। इसकी खासियत यह है कि यह तेजी से लेन-देन करने की क्षमता रखती है और इसका ट्रांजैक्शन फीस भी कम है। एलन मस्क कई बार इसे "पीपल्स क्रिप्टो" यानी आम जनता की क्रिप्टो कह चुके हैं।
एलन मस्क DOGE को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं और उनके ट्वीट्स अक्सर इसकी कीमत को प्रभावित करते हैं। कई मौकों पर मस्क ने इसे भविष्य की मुद्रा भी कहा है, जो डिजिटल दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
एलन मस्क भारत में निवेश क्यों कर रहे हैं?
एलन मस्क न केवल टेस्ला और स्पेसएक्स के जरिए बल्कि क्रिप्टो और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी भारत में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:
- भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था – भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
- युवाओं में क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता – भारत में बड़ी संख्या में युवा क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं, जिससे यह एक संभावित बाजार बन गया है।
- भारत में चुनाव और तकनीक का मेल – भारत एक विशाल लोकतंत्र है, जहां चुनावों में डिजिटल तकनीक का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
इसी वजह से DOGE Foundation ने भारत में एक मतदाता जागरूकता अभियान के लिए $21 मिलियन फंडिंग देने का ऐलान किया था।
$21 मिलियन फंडिंग रद्द क्यों हुई?
DOGE द्वारा घोषित यह फंडिंग भारत में मतदाता जागरूकता बढ़ाने और युवा वोटर्स को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से थी। लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया।
इस फैसले के पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं:
- राजनीतिक हस्तक्षेप – इस अभियान को भारत के चुनाव आयोग या सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं मिल पाई।
- संभावित गलत इस्तेमाल – आरोप लगे कि इस तरह की विदेशी फंडिंग का मतदान प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है।
- DOGE की कीमत में अस्थिरता – क्रिप्टोकरेंसी बाजार की अस्थिरता के चलते भी यह निर्णय लिया गया हो सकता है।
BJP की प्रतिक्रिया
DOGE की फंडिंग रद्द होने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रतिक्रिया दी।
BJP नेताओं का कहना है:
- भारत की चुनाव प्रणाली स्वतंत्र और निष्पक्ष है, जिसमें विदेशी दखल स्वीकार्य नहीं है।
- सरकार डिजिटल लोकतंत्र और तकनीक का समर्थन करती है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया पर किसी विदेशी संस्था का प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहिए।
- कुछ नेताओं ने इसे "भारत की संप्रभुता के खिलाफ" बताया और कहा कि भारतीय वोटर अपने अधिकारों को समझते हैं और उन्हें जागरूक करने के लिए विदेशी क्रिप्टो संस्थाओं की जरूरत नहीं।
DOGE और भारत का भविष्य
हालांकि यह फंडिंग रद्द हो गई है, लेकिन एलन मस्क की भारत में निवेश की योजनाएं खत्म नहीं हुई हैं।
संभावनाएं:
टेस्ला की भारत में एंट्री – मस्क भारत में टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलने की योजना बना रहे हैं।
स्पेसएक्स और स्टारलिंक – भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्रिप्टो कानूनों पर नजर – भारत में क्रिप्टो को लेकर नियम सख्त हो सकते हैं, लेकिन DOGE जैसी कंपनियां अभी भी संभावनाएं तलाश रही हैं।
निष्कर्ष
DOGE द्वारा भारत में मतदाता जागरूकता के लिए दी जाने वाली $21 मिलियन की फंडिंग को रद्द कर दिया गया है, जिस पर BJP और अन्य राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, एलन मस्क की भारत में निवेश को लेकर रुचि बनी हुई है और आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी और डिजिटल क्षेत्रों में उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है।
भारत में क्रिप्टो और डिजिटल लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन DOGE और मस्क की भारत में दिलचस्पी अभी खत्म नहीं हुई है!
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